Sunday, May 12th, 2024

बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के 156 कर्मचारियों की होगी न्यायिक जांच

भोपाल
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के 156 कर्मचारियों की नियुक्तियों में काफी गड़बड़ियां की गई हैं। चालीस हजार की योग्यता रखने वाले कर्मचारी टेक्नीकल असिस्टेंट बनकर बीयू से डेढ़ लाख रुपए मासिक वेतन ले रहे हैं। डिप्टी रजिस्ट्रार सरिता चौहान की शिकायत ने बीयू में भूचाल की स्थिति ला दिया है। इसके चलते कार्यपरिषद तक तक न्यायिक जांच कराने के आदेश जारी कर दिए हैं। इसके तहत बीयू ने पूर्व जज अनिल कुमार पारे को जांच का जिम्मा दिया है। वे 15 दिनों में जांच पूरी कर बीयू को रिपोर्ट सौंपेंगे।

बीयू के 156 कर्मचारी बिना पदों के बीयू में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उनकी नियक्तियों पर डिप्टी रजिस्ट्रार सरिता चौहान से सवाल खड़े करते हुए शिकायत की है। इसके चलते बीयू ने पूर्व जज अनिल कुमार पारे को 15 दिनों में जांच पूरे करने के आदेश जारी किए हैं। जांच में दोषी मिलने पर कर्मचारियों को बाहर कर दिया जाएगा। क्योंकि जिन पदों पर कर्मचारी सेवाएं दे रहे हैं। वे पद शासन से स्वीकृत ही नहीं किए गए हैं। बल्कि उनका वेतन दूसरों पदों के विरूद्ध निकाला जा रहा है। ये निर्णय भी ईसी ने दिया था, लेकिन उन्हें पदों पर समायोजित कराने शासन से नौ साल पहले स्वीकृति मांगी गई थी,जो आज तक नहीं मिल सकी है।

ऐसे हो गई चालीस हजार से डेढ़ लाख तन्खा
12वीं के बाद डिप्लोमा लेने के बाद तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों ने बिना नियमित हुए वे छठवें और सातवें वेतनमान के हिसाब से सैलरी ले रहे हैं। यहां तक उन्हें ऐरियर तक ले लिए हैं। वे समयमान-वेतनमान के साथ दो-दो वेतनमान तक ले चुके हैं। इसके साथ वे महंगाई भत्ता के साथ अन्य भत्ते तक ले रखे हैं। तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों का वेतन करीब चालीस हजार होना था। वे आज टेक्नीकल असिस्टेंट बनकर डेढ़ लाख रुपए तक का वेतन ले रहे हैं। ये वेतन आज रजिस्ट्रार तक को नहीं मिल रहा है। जबकि वे टेक्नीकल असिस्टेंट बनने की योग्यता तक नहीं रखते हैं।

पहले भी हो चुकी है शिकायत
बीयू से बर्खास्त किए असिस्टेंट डायरेक्टर अरविंद्र कुमार भी उच्च शिक्षामंत्री जीतू पटवारी को पत्र लिखकर कर्मचारियों की भर्तियों में हुए फर्जीवाड़े से अवगत करा चुके हैं। उन्होंने बताया है कि बीयू में पदस्थ कर्मचारी शासन से बिना स्वीकृति वाले पदों में रहते हुए नौकरी कर रहे हैं। इसके बाद मंत्री पटवारी ने कर्मचारियों का पूरा ब्यौरा तलब कर लिया है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है।
 

वर्जन
156 कर्मचारियों के खिलाफ जांच कमेटी गठित कर दी गई है। उनकी रिपोर्ट 15 दिनों में तैयार हो जाएगी। इसके बाद कोई निर्णय हो पाएगा।
अजित श्रीवास्तव
प्रभारी रजिस्ट्रार, बीयू

संबंधित ख़बरें

आपकी राय

1 + 2 =

पाठको की राय